Friday, September 24, 2010

बाबा रामदेव के प्राणायाम और योगासन

पिछले कुछ सालों से भारत में बाबा रामदेव के प्राणायाम और योगासनो ने एक लहर सी चला रखी है। क्यों न चले जब इससे असाध्य रोगो में लोगों को फायदा हो रहा हो. कैन्सर,मधुमेह, ब्लड प्रेशर, बढा वजन और ढेड सारी बिमारिया जिसका आपने शायद नाम भी न सुना होगा, मे लोगो को इससे लाभ हो रहा है.
दूसरी सब से बडी बात जो हमने देखी है कि बाबा के प्राणायाम बहुत ही आसान है. मुख्यत: कपालभाति और अनुलोम-विलोम तो बहुत ही आसान और जल्द ही असर दिखाने वाले है. बाबा के सात प्राणायाम ,सात सूक्ष्म व्यायाम और सात आसन जो अति सरल है करने मे करीब १ घन्टा समय लगता है. आइये देखते है इनकी विधि:
१. भास्त्रिका
लम्बी गहरी साँस ले और बाहर छोडे. करीब २-५ मिनट तक इसे करे. इससे आपको निम्न अन्गो/बिमरियो मे लाभ होगा:
दिल , फेफडो , दिमाग , माइग्रेन , लकवा , स्नायु सम्बन्धित और आपकी आभा बढेगी.
२. कपालभाति
हवा जोर लगाकर बाहर फेँके(पेट अन्दर जायेगा). दिल की बिमारी या कमजोर लोग धीरे धीरे करे.
३० बार/१ मिनट से शुरु करके, ५ मिनट और ज्यादा बिमारी हो तो १५-२० मिनट तक कर सकते है.
इससे मोटापा, पेट की तमाम बिमारिया (कब्ज,एसिडिटी आदि), गुर्दा, मधुमेह , सोते समय नाक बजना, और कैँसर, अस्थमा, कोलेस्ट्रोल और चेहरे का ओज-तेज .
३. बाह्य
ठुडी को गले से लगा दे, पेट के नीचे बन्द लगा दे और साँस बाहर छोडकर पेट को अन्दर रीढ की हड्डी से चिपका दे, थोडी देर साँस बाहर छोडकर रखे.
इसे २-५ बार करे. इस प्राणायाम से कपालभाति से मिलने वारे सारे फायदे होते है, दूसरे शब्दो मे यह कपालभाति का पूर्णक है.
४. अग्निशार
ठुडी को गले से लगा दे, पेट के नीचे बन्द लगा दे और साँस बाहर छोडकर पेट को एक लहर की तरह रीढ की हड्डी के पास तक ले ज़ाये.
इसे २-५ बार करे.
५. अनुलोम-विलोम
> दाई नाक अगुँठे से बन्द करे, बाई से लम्बी साँस ले.
> अब दाई नाक खोले और बाई नाक को मध्य अँगुली से बन्द करे, और दाई नाक से साँस बाहर छोडे.
> अब दाई नाक से साँस अन्दर ले.
> अब दाई नाक अगुँठे से बन्द करे, बाई से साँस बाहर छोडे.
इसी तरह यह क्रिया १०-२० मिनट तक करे. ध्यान रहे फेफडो मे हवा भरे, पेट मे नही.
इस प्राणायाम से दिल,धमनियो की रुकावट (ब्लड प्रेशर), जोडो का दर्द दिमाग , माइग्रेन , लकवा , स्नायु सम्बन्धित,अस्थमा, एलर्जी आदि मे लाभ होता है.
६. भ्रमरी
कानों को अँगुठो से बन्द करे, माथे पर पहली उँगली रखे, बाकि तीन नाक के बगल आँख के नीचे रखे. लम्बी साँस ले और भौरे की तरह भनभनाते हुये नाक से साँस बाहर छोडे.
इसे २-५ मिनट तक करे. इस प्राणायाम से हाइपर टेन्सन, ब्लड प्रेशर, लकवा , माइग्रेन और ध्यान न लगने आदि मे लाभ होता है.
७. उदगीत
नाक से लम्बी साँस ले और ॐ का उच्चारण करे.



5 comments:

  1. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

    ReplyDelete
  2. हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

    ReplyDelete
  3. अच्छा लगा । शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  4. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  5. Get certified with Yoga Teachers Training Coursethat the yoga institute is providing to the interested one's for yoga. We have different course modules according to which you may get certified.
    Get certified with Yoga Teacher Training Course that the yoga institute is providing to the interested one's for yoga. We have different course modules according to which you may get certified.

    ReplyDelete